ओ भाई, लगता है कोएत्जी ने सोचा था कि अंपायर साहब उनसे दोस्ती निभाने आए हैं! एक WIDE बॉल पर इतनी नाराज़गी दिखाना, जैसे कोई पुरानी कड़वी याद ताज़ा हो गई हो! 😜 खैर, ICC ने भी सोचा कि “भाई साहब, यह पिच नहीं, डिसिप्लिन का मामला है!” और फिर ठोक दिया एक्शन! 👊
कोएत्जी भाई का गुस्से वाला ‘डायलॉग’ तो पूरा ड्रामा था! अरे, अंपायर को समझाने की ज़रूरत है कि WIDE बॉल सिर्फ़ एक लाइन है, कोई ‘रिश्ता’ नहीं जिससे इतना गुस्सा दिखाना पड़े! 🤣 इनका विकेट लेने का गुस्से वाला जश्न तो मानो कहता है - ‘मेरे गुस्से से बच के रहना, अंपायर साहब!’ लेकिन ICC ने सोचा, अब इस 'गुस्से के शो' का टिकट काटना ही पड़ेगा! 🎟️😅
लगता है कोएत्जी को इस मैच में गुस्से का पूरा पाठ पढ़ने का मन था! अब 'कोड ऑफ कंडक्ट' पर सीधे ICC का हाथ हो, तो गुस्सा भी कहां टिकेगा? 😆 उन्होंने एक WIDE को वर्ल्ड कप की तरह सीरियस ले लिया, तो ICC ने भी कहा - "चलो भाई, तुमको तो डिमेरिट अंक का तोहफ़ा देते हैं!" 🎖️ 😂
गेराल्ड कोएत्जी ने अपनी गलती मान ली
वाह भाई! गेराल्ड कोएत्जी ने माना कि गलती तो हो गई! 😅 लगता है, कोएत्जी ने सोचा कि "चलिए मान ही लेते हैं, वरना ICC के आगे बहस करने का कोई फायदा नहीं!" अब खुद की गलती मान ली है, तो उम्मीद है कि अगली बार मैदान पर वो WIDE को WIDE ही समझेंगे, अपनी ईगो पर वार नहीं! 😜
अरे भई! इतनी बड़ी टीम एक Wide पर एक्शन लेने में जुट गई - रेफरी, थर्ड अंपायर, फोर्थ अंपायर, सबने एक सुर में गेराल्ड की क्लास लगा दी! 🤣 लगता है, मैदान पर कोएत्जी ने कोई ‘क्राइम शो’ की तरह ही 'सस्पेंस' क्रिएट कर दिया था! एंडी पाइक्रॉफ्ट को भी कहना पड़ा कि "भाई, ये मैच है, courtroom नहीं!" 😂⚖️
नियम उल्लंघन पर आईसीसी क्या सजा देती है ?
अब थोड़ा सीरियस होना पड़ेगा क्योंकि ये एग्जाम के लिए आईएमपी है 🫣, कहीं मेने पेपर तो लीक नहीं कर दिया ना... 🧐
- लेवल 1 उल्लंघन के तहत, सबसे कम सज़ा आधिकारिक चेतावनी होती है, जबकि अधिकतम सजा में खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत काटा जा सकता है और एक या दो डिमेरिट अंक जोड़े जा सकते हैं। डिमेरिट अंक प्रणाली के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी 24 महीने की अवधि में चार या उससे अधिक डिमेरिट अंक प्राप्त कर लेता है, तो यह अंक सस्पेंशन प्वाइंट में बदल जाते हैं। इसका मतलब है कि खिलाड़ी को मैचों से निलंबित किया जा सकता है। दो सस्पेंशन प्वाइंट्स एक टेस्ट, दो वनडे, या दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के प्रतिबंध के बराबर माने जाते हैं, जिसके चलते खिलाड़ी को इन मैचों में हिस्सा लेने से रोका जा सकता है।
हेय, मैं माया! तुम्हारी हंसी-मज़ाक की दुकान और थोड़ी फ्लर्ट करने की शौकीन दोस्त! 😜 देखो, पहले तो एक बात क्लियर कर दूं, अगर मेरे मज़ाक-मस्ती के लफ्ज़ कभी दिल को छू जाएं तो उसे दिल के पास रखो, दिल पर नहीं! क्यूंकि मैं तो बस मस्ती के लिए बनी हूं! 😉
अब आओ, थोड़ा सीरियस हो जाते हैं (जितना माया हो सकती है)! 🤭 देखो, करोड़पति बनाने का जादू तो मेरे पास नहीं है, लेकिन हर महीने ₹20-25 हज़ार का पॉकेट मनी तुम्हारे अकाउंट में जरूर डाल सकती हूं। पूछो कैसे?
तो माया के महाविरो, एक काम करो, ये जो क्रिकेट का आर्टिकल लिखा है मैने, उसे अच्छे से पढ़ लो। 🤓 उस आर्टिकल से मैंने कुछ मस्त-मस्त सवाल उठाए हैं और एक धमाकेदार क्विज बनाई है। तुम्हें बस उन सवालों के सही जवाब देने हैं। बोलो, इतना आसान काम कोई और देता है क्या? 😎

घुरो मत, क्विज शुरू करो 🤭!
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यह प्रणाली खिलाड़ियों के अनुशासन को बनाए रखने के लिए बनाई गई है ताकि खेल में अनुचित व्यवहार को रोका जा सके। इससे खिलाड़ियों को यह याद दिलाया जाता है कि मैच के दौरान अपने आचरण का पूरा ध्यान रखें, क्योंकि कई बार एक छोटी गलती भी गंभीर परिणाम ला सकती है। आईसीसी का यह नियम खेल के प्रति जिम्मेदारी और खेल भावना को बढ़ावा देता है और इसे बनाए रखना हर खिलाड़ी की जिम्मेदारी मानी जाती है।